डॉक्टर्स समर्पण भाव से करें मरीजों की सेवा – बंडारू दत्तात्रेय

चार दिवसीय नवजात शिशु देखभाल प्रशिक्षण कार्यक्रम में की शिरकत सरकार व डॉक्टरों के प्रयासों से नवजात शिशु मृत्यु दर हुई कम

Bandaru Dattatreya sworn in as 18th governor of Haryana

चण्डीगढ़, 28 फरवरी  -हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने डॉक्टरों का आह्वान किया कि वे अपनी ड्यूटी को समर्पण भाव तथा मन से करें। डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य को ठीक कर उन्हें जीवनदान देते है। एक नवजात शिशु का स्वास्थ्य ठीक करना पूरे परिवार को स्वस्थ जीवन देने के समान है। हरियाणा सरकार प्रदेश में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से निरंतर प्रयास कर रही है।

      राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज रोहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर के सभागार में चार दिवसीय फैसिलिटी बेस्ड न्यू बोर्न केयर प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थिगण को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक मार्च 2024 को संपन्न होगा। इसका आयोजन विश्वविद्यालय के नवजात शिशु विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वाधान में किया गया। महामहिम राज्यपाल ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों को प्रतिभागी सर्टिफिकेट वितरित किए।

      राज्यपाल ने कहा कि प्रशिक्षण का बहुत महत्व है। प्रशिक्षण से नई तकनीक सीखने को मिलती है। हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नई तकनीक का पूरा प्रयोग करना चाहिए। प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार नई तकनीक के प्रयोग की जानकारी भी मिलती है। प्रशिक्षण लेने वाले डॉक्टर समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ देकर नवजात शिशुओं की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का प्रण लें। सरकार के सहयोग और समर्थन के साथ शोध के क्षेत्र में काफी निवेश और विकास हुआ है, जिससे शोध, नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबॉटिक इत्यादि नई तकनीकों के प्रयोग से शिशु मृत्यु दर कम करने में मदद मिली है। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डॉक्टरों के प्रयास से शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।

      राज्यपाल ने कहा कि महिला गर्भवती होते ही पूरा परिवार नवजात शिशु के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहता है। एक नवजात शिशु के जीवन को बचाना पूरे परिवार के जीवन को बचाने के बराबर है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सही रखने के बारे में निरंतर जागरूक करें। ग्रामीणों को पोषण, शारीरिक अभ्यास तथा मन को शांत रखने के बारे में जागरूक किया जाये।

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