विधान सभा के बजट सत्र के दौरान आज दो विधेयक पारित किए गए

हानिकारक है। ऐसे हुक्का बारों द्वारा विभिन्न स्वाद / जड़ी-बूटियाँ भी परोसी जाती हैं। कई बार तो उक्त हुक्का बारों में स्वाद / जड़ी-बूटी परोसने की आड़ में प्रतिबंधित दवाएं भी परोसी जाती हैं। इस तरह के हुक्का में पानी की पाइप प्रणाली और चारकोल के साथ गर्म किया गया स्वादयुक्त घटक शीशा शामिल होता है। इससे जुड़े जोखिम कम या न होने की गलत धारणा और कई स्वादों की उपलब्धता तथा धुएं की कम कठोरता के कारण इसका उपयोग काफी बढ़ गया है। हालाँकि, ऐसे स्वाद वाले हुक्के के धुएं में विभिन्न विषाक्त पदार्थ होते हैं जो न केवल धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के लिए बल्कि निष्क्रिय धूम्रपान के कारण आस-पास के लोगों के लिए भी हानिकारक होते हैं। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 धारा 3 (ढ) के तहत धूम्रपान को परिभाषित करता है लेकिन इसमें हुक्का पीना शामिल नहीं है।

आम जनता के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए एक विधेयक यानी ‘सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक, 2024’ को परिभाषित करने, और ‘हुक्का बार’ को प्रतिबंधित करने और इसके अलावा, हरियाणा राज्य में हुक्का बार, होटल, रेस्तरां, शराबखाने या अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में धूम्रपान के लिए कोई हुक्का / नार्गली न परोसा जाए और उससे जुड़े और उसके प्रासंगिक मामलों के लिए यह विधेयक आवश्यक है। इसलिए यह विधेयक प्रस्तुत है।

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