यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने में मिशन मोड में जुटी है योगी सरकार

लखनऊ, 25 जुलाई। बीते सात साल में यूपी में सबसे अधिक कार्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने को लेकर हुआ है। प्रदेश की योगी सरकार यूपी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए लगातार जतन कर रही है। सर्वाधिक जोर रोड कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने पर है। फोर लेन, सिक्स लेन कनेक्टिविटी के लंबे संजाल के साथ ही यूपी आज एक्सप्रेस-वे प्रदेश के तौर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। रोड नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए यूपी में बीते सात साल में ₹87,426 करोड़ से अधिक की परियोजनओं को रोड और ट्रांसपोर्ट पर खर्च किया जा रहा है।

*₹67 हजार करोड़ की परियोजनाएं जारी*
वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए सरकार को सलाह देने वाली एक नामी एजेंसी की ओर से दिये गये आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पीपीपी मॉडल के अंतर्गत इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अबतक ₹17 हजार करोड़ खर्च हो चुके हैं। वहीं इसी मॉडल के अंतर्गत तकरीबन ₹67 हजार करोड़ की परियोजनाएं तेज गति से पूरी की जा रही हैं। इसके अलावा आने वाले समय में ₹17 सौ करोड़ की परियोजनाओं को शुरू करने का प्लान पाइप लाइन में है। बता दें कि योगी सरकार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों को फोर लेन कनेक्टिविटी से जोड़ चुकी है। इसके अलावा प्रदेश के सभी हिस्सों को द्रुत मार्ग से जोड़ा जा रहा है। यही नहीं द्रुत मार्गों को भी लिंक एक्सप्रेस-वे के जरिए आपस में कनेक्ट करते हुए प्रदेश के छोटे से छोटे जिलों को भी तेज परिवहन के साथ कनेक्ट किया जा रहा है।

*मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर से मजबूत हो रही अर्थव्यवस्था*
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के अंतर्गत रोड और परिहवन पर सर्वाधिक जोर देने का नतीजा प्रदेश में हो रहे लाखों करोड़ के निवेश के रूप में देखा जा सकता है। बीते फरवरी माह में ही सरकार ने ₹10 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में सफलता प्राप्त की है। इसमें प्रदेश के अंदर डिफेंस कॉरिडोर से लेकर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल पार्क भी शामिल हैं, जहां निवेशक महत्वपूर्ण मार्गों के किनारे अपने उद्योग स्थापित कर रहे हैं। रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने से न केवल यात्री वाहनों से यात्रा की दूरी और देरी में कमी आई है, बल्कि माल ढुलाई भी आसान हुई है, जिसका फायदा निवेशकों और उद्यमियों को मिल रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के साथ ही इस पूरे सेक्टर में रोजगार का भी सृजन हुआ है। इसके अलावा एमएसएमई सेक्टर को भी गति मिली है।

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